सुखासन || Sukhasana || Benefits of Sukhasana
सुखासन सुखासन एक ध्यान संबंधित आसन है। सुखासन का शाब्दिक अर्थ सुख अर्थात प्रसन्नता है। यह आसन पालथी मारकर बैठने की वजह से सुखासन कहलाता है। सुखासन के अलावा जिस किसी भी आसन में बैठने पर सुख की अनुभूति हो वह भी सुखासन कहलाता है। प्राचीन समय से ही सुख की अनुभूति देने वाले आसनों को सुखासन माना जाता रहा है। सुखासन की विधि- आराम से जमीन पर घुटने मोड़ते हुए पालथी मारकर बैठ जाएं। दोनों हाथों को गोद में या घुटनों पर रखें। मेरुदंड गर्दन एवं सिर को सीधे रखें। सुखासन में ध्यान- समस्त चक्र से निकलने वाली ऊर्जा की अनुभूति। सुखासन में सांसों का क्रम- प्राणायाम के साथ/ अनुकूलता अनुसार सुखासन का समय सीमा- क्षमता के अनुसार सुखासन करने की दिशा- आध्यात्मिक लाभ हेतु पूर्व या उत्तर सुख आसन के लाभ- ध्यान लगाने के लिए यह एक उत्तम आसन है। भोजन करते समय इस आसन का उपयोग लाभदायक है। पूजा पाठ में यह आसन लाभदायक है। व्यक्ति को शारीरिक स्फूर्ति प्रदान करता है। सुखासन मानसिक शांति और शरीर को निरोगी रखने में लाभकारी है। स्वस्थ रहें सुखी रहें! Sukhasana S...